Stock Market:: पिछले कारोबारी हफ्ते की समाप्ति पर शेयर बाजारों ने मजबूती दिखाई थी, लेकिन 24 सितंबर, सोमवार को बाजार किस राह पर चलेगा, यह निवेशकों के लिए सबसे बड़ा सवाल है। ग्लोबल और घरेलू संकेतों का मिश्रण बाजार के लिए एक निर्णायक सप्ताह की शुरुआत का संकेत दे रहा है। क्या बुल्स फिर से दबदबा बनाए रख पाएंगे या बियर्स बाजार पर कब्जा जमा लेंगे? यह आलेख 24 सितंबर के लिए बाजार का संपूर्ण आउटलुक, तकनीकी विश्लेषण, और उन महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालेगा, जिन पर हर निवेशक को नजर रखनी चाहिए।
24 सितंबर से पहले बाजार का हाल (Market Recap)
पिछले सत्र (20 सितंबर) में भारतीय शेयर बाजार ने तेजी के साथ समाप्ति देखी। सेन्सेक्स 180 points की बढ़त के साथ 66,000 के स्तर के ऊपर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 50 ने 19,700 के पार अपनी जगह मजबूत की। इस मजबूती के पीछे कुछ प्रमुख कारण रहे:
- तेल की कीमतों में रुकावट: वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए मुद्रास्फीति की चिंताएं कम हुईं।
- FIIs का बिकवाली में ठहराव: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी, जिसने बाजार को सहारा दिया।
- कुछ क्षेत्रों में खरीदारी: बैंकिंग, ऑटो और IT जैसे क्षेत्रों में चुनिंदा खरीदारी देखने को मिली।
हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि बाजार अभी भी उच्च स्तरों पर है और थोड़ी सी नकारात्मक खबर भी तेज बिकवाली को ट्रिगर कर सकती है।
24 सितंबर को बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक (Key Factors Influencing the Market)
सोमवार के कारोबार पर इन घरेलू और वैश्विक घटनाक्रमों की पैनी नजर रहेगी:
1. ग्लोबल मार्केट्स का रुख (Global Cues)
- अमेरिकी बाजार (US Markets): वॉल स्ट्रीट पर शुक्रवार के कारोबार का असल सोमवार को भारतीय बाजार पर पड़ता है। अमेरिकी शेयर बाजारों का रुख, विशेष रूप से S&P 500 और NASDAQ का प्रदर्शन, FIIs के मूड को सीधे प्रभावित करेगा।
- US फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति: अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका अभी भी बनी हुई है। इससे जुड़ी कोई भी टिप्पणी ग्लोबल मार्केट्स में उतार-चढ़ाव ला सकती है।
- डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव FIIs के निवेश के फैसले को प्रभावित करते हैं।
2. घरेलू संकेत (Domestic Cues)
- FII और DII डेटा: सबसे महत्वपूर्ण डेटा में से एक है विदेशी (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की गतिविधियां। FIIs की लगातार बिकवाली बाजार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। अगर DIIs की खरीदारी जारी रहती है, तो यह FIIs की बिकवाली के प्रभाव को कम कर सकती है।
- कच्चे तेल की कीमतें: भारत के लिए ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें एक बड़ा जोखिम कारक हैं। कीमतों में वृद्धि मुद्रास्फीति और चालू खाता घाटे की चिंताएं बढ़ाती है।
- रुपये की कीमत: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य (USD/INR) महत्वपूर्ण है। रुपये की कमजोरी FIIs को नुकसान पहुंचा सकती है।
24 सितंबर के लिए तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis for 24th September)
तकनीकी विश्लेषकों की नजर में निफ्टी और बैंक निफ्टी के महत्वपूर्ण स्तर कुछ इस प्रकार हैं:
निफ्टी 50 (Nifty 50)
- तुरंत प्रतिरोध (Immediate Resistance): 19,800 – 19,850 का स्तर एक मजबूत प्रतिरोध क्षेत्र है। अगर निफ्टी इस स्तर को स्थायी रूप से तोड़ देता है, तो 20,000 का स्तर फिर से टेस्ट किया जा सकता है।
- तुरंत सहारा (Immediate Support): 19,600 का स्तर सबसे नजदीकी और महत्वपूर्ण सहारा है। अगर यह स्तर टूटता है, तो अगला सहारा 19,450-19,500 के क्षेत्र में आ सकता है।
- चार्ट पैटर्न: निफ्टी एक संकुचन (consolidation) के दायरे में कारोबार कर रहा है। एक तेज (बुलिश) या मंदी (बेयरिश) की दिशा में स्पष्ट ब्रेकआउट की जरूरत है।
बैंक निफ्टी (Bank Nifty)
बैंकिंग सेक्टर बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है।
- प्रतिरोध स्तर: 45,000 – 45,200 का जोन एक मजबूत प्रतिरोध क्षेत्र है।
- सहारा स्तर: 44,500 एक महत्वपूर्ण सहारा है। अगर यह टूटता है, तो बैंक निफ्टी 44,000 के स्तर की ओर जा सकता है।
निवेशकों के लिए स्ट्रेटजी (Trading Strategy for Investors/Traders)
24 सितंबर को निवेशकों और ट्रेडर्स को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
- लॉन्ग-टर्म निवेशक (Long-Term Investors): लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार का दैनिक उतार-चढ़ाव चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। उन्हें गुणवत्तापूर्ण शेयरों में डिप पर खरीदारी के अवसर तलाशने चाहिए। सेक्टर और कंपनी के मूलभूत सिद्धांतों (फंडामेंटल्स) पर फोकस बनाए रखें।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स (Short-Term Traders): ट्रेडर्स को सतर्क रहने की जरूरत है। बाजार के स्पष्ट रुख का इंतजार करना बेहतर होगा।
- खरीदारी के लिए: निफ्टी के 19,800 के स्तर को पार करने पर ही खरीदारी पर विचार करें।
- बिकवाली के लिए: 19,600 के सहारे स्तर के टूटने पर बिकवाली की जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस का प्रयोग जरूर करें: ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन सबसे जरूरी है। हर ट्रेड में स्टॉप-लॉस का प्रयोग अवश्य करें।
ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण दस्तावेज/डेटा (Important Data/Events to Watch)
सप्ताह की शुरुआत में इन आर्थिक आंकड़ों और घटनाओं पर नजर रखें:
- FII और DII का डेटा: एनएसई और बीएसई की वेबसाइट पर रोजाना अपडेट होने वाला यह डेटा।
- रुपया-डॉलर की कीमत: RBI की वेबसाइट और फाइनेंशियल न्यूज पोर्टल्स पर लाइव अपडेट।
- कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड और WTI क्रूड के प्राइस चार्ट।
- अन्य वैश्विक बाजार: एशियाई बाजारों (जैसे निक्केई, हैंग सेंग) का सोमवार सुबह का ओपनिंग।
निष्कर्ष (Conclusion)
24 सितंबर को शेयर बाजार की चाल मुख्य रूप से वैश्विक संकेतों, विशेषकर अमेरिकी बाजारों के रुख पर निर्भर करेगी। तकनीकी रूप से, निफ्टी के लिए 19,600-19,850 एक निर्णायक रेंज है। इस रेंज से किसी भी दिशा में ब्रेकआउट आगे की ट्रेंड की दिशा तय करेगा। निवेशकों को घबराहट से बचना चाहिए और सतर्कता के साथ अगला कदम उठाना चाहिए। लंबी अवधि का नजरिया रखने वालों के लिए, बाजार का कोई भी संभावित सुधार नए अवसर ला सकता है।